Aligarh: हाईस्कूल फेल, अंग्रेजी आती नहीं थी, लेकिन जिंदगी की परीक्षा में पास, आज हैं शहर के सबसे बड़े निर्यातक
Aligarh: हाईस्कूल फेल, अंग्रेजी आती नहीं थी, लेकिन जिंदगी की परीक्षा में पास, आज हैं शहर के सबसे बड़े निर्यातक
उत्तरप्रदेश के गोपाल गंज निवासी रमेशचंद्र सिंघल आज की युवा पीढ़ी के लिए एक बड़े प्रेरणास्रोत बनकर उभरे हैं क्योंकि इनके जीवन की संषर्घ की दास्तां कुछ बड़ा करने का जूनून पैदा करती है। सिंघल मेरठ के बड़े व्यापारियों में से एक हैं और शहर के सबसे बड़े निर्यातक हैं।
संतोष शर्मा, अलीगढ़: कई बार हम संघर्षों की कहानियां तो पढ़ते हैं, लेकिन कुछ कहानियां पढ़ने के बाद हमारे अंदर भी कुछ करने का जूनून पैदा होता है। ऐसी ही एक कहानी रमेशचंद्र सिंघल की है जिनका जन्म 27 जून 1956 को अलीगढ़ में हुआ था। इनका जीवन जन्म लेने से पहले ही संघर्षों से घिर गया था। सिंघल के जन्म लेने के छह दिन पहले ही पिता रघुनाथ प्रसाद का निधन हो गया था। इनके पिता के निधन के बाद मां बैकुंठी देवी पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा था। नवजात बेटा के अलावा बेटी कुसुम और सुधा बंसल की परवरिश की चिंता उनके सामने थी। फिर इनकी परवरिश ताऊ मलूक चंद्र ने की थी।
हाईस्कूल में हो गए थे फेल
रमेश चंद्र सिंघल का विवाह 1977 में सुनीता सिंघल के साथ हुआ था। वो हाईस्कूल में फेल हो गए थे। इनकी पढ़ने में रुचि कभी नहीं रही, लेकिन उन्होंने इसे अपनी कमजोरी नहीं माना और शादी के दो साल बाद उन्होंने 1979 में घर में ही ढलाई का काम शुरू किया। पहले हार्डवेयर का माल शहर के एक्सपोर्टर को दिया। काम कुछ बढ़ा तो बाद में दिल्ली और मुरादाबाद भी भेजने लगे। बेटे के नाम पर शुरू की गई प्रशांत इंटरप्राइजेज लिमिटेड देश-विदेश में एक पहचान बनाए हुए है। कारोबार को उनके पुत्र प्रशांत सिंघल और निशांत सिंघल आगे बढ़ा रहे हैं।
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