पाकिस्तानी निकला अलीगढ़ का मशहूर Aligarh Bread Pakoda Specialist Aligarh sindhi Sweet /स्वाद में लाजवाब है अलीगढ़ के सिंध का ब्रेड पकौड़ा, पाकिस्‍तान से आकर बनाई अलग पेहचान



अलीगढ़, जागरण संवाददाता। गोल स्पंज वाले ब्रेड पकौड़ा का नाम सुनते ही किसी को भी भूख तेज लगने लगती है। उसके साथ प्याज की चटनी का नाम आ
 जाए, तो जीभ चटकारे मारने लगती है। अगर यह पकौड़ा सिंध स्वीट्स एंड पकौड़ा सेंटर का हो तो बात ही कुछ और है। शहर में इस ब्रेड पकौड़ा को बनाने की
 शुरूआत पाकिस्तान से आए सिंधि परिवार (चोइतराम जी परिवार) ने की थी। इस पकौड़े की ख्याति दूर दूर तक है। नई बस्ती से छोटी सी दुकान से शुरू हुआ
 पकौड़े के यह कारोबार समद रोड सेंटर प्वाइंट पर पिछले 25 साल से चल रहा है। लग्जरी कार व शहर के धन्नासेठों के घरों पर यह आर्डर पर यह पकौड़ा सप्लाई होता है। 
शुरूआत में इसकी कीमत 15 पैसा थी। अब 16 रुपये हैं।

पकिस्तान  थे सिंधी पकोड़ा वाला पकिस्तान से आकर अलग बनाई पहचान

देश के विभाजन के बाद पाकिस्तान के कंथकोर से चोइतराम अपनी पत्नी व भाइयों के साथ आए थे। 
पाकिस्तान के अन्य शहरों से आए सिंध परिवारों का शहर की नई बस्ती में ठिकाना बन गया। उस दौर में ब्रज की भूमि पर दूध-दही व मठ्ठा की 
नदियां बहने की कहावत जोरों पर थी। सिंध समाज के लोगों का खानपान ब्रज क्षेत्र से अलग था। सुबह के नाश्ते से लेकर दोपहर के खाने तक अलग व्यंजन थे।

ऐसे बनाई अलग पहचान

चोइतराम ने नई बस्ती में एक झोपड़ी में सकरपाले, मालपूआ व सिंध की मिठाई यानि बिना खोवा वाली मिठाई बनाना शुरू किया।
 धीरे -धीरे बस्ती में और दुकान बढ गईं, तब चोइतराम के बेटा गोपी चंद्र धरानी ने पिता से मिली बिरासत में कुछ हटके चांट पकौड़ा बनाने की सोची।
 इन्होंने वर्ष 1975 में गोल स्पंज में बेसन के लेप से ब्रेड पकौड़ा व प्याज की चटनी बनाना शुरू किया। उस समय इक्का-दूक्का दुकानों पर चौकोर ब्रेड पकौड़ा मिलते थे। मगर यह टाइट होते थे।
सेंटर प्‍वाइंट पर खोली दुकान

गोपी चंद्र धरानी के इस व्यंजन को ग्राहकों ने हाथों हाथ ले लिया। शहर में इस तरह के ब्रेड पकौड़ा की यह एक ही दुकान थी। 
गोपी चंद्र धरानी के इकलौते पुत्र अनिल धरानी ने मात्र 14 साल की उम्र में पिता का हाथ बांटना शुरू कर दिया। समय के साथ नई बस्ती में आबादी बढ़ गई। 
अनिल धरानी ने वर्ष 1997 में ग्राहकों की मांग पर सेंटर प्वाइंट पर नई दुकान खोल दी। काम बढ़ता देख अनिल धरानी के पुत्र राहुल धरानी ने एक साल पहले इस पकौड़ा का कारोबार संभाला है।


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