गृहकर संपत्ति कर मे आसमानी वृद्धि के आदेश को निरस्त कराने को लेकर कांग्रेस नेता इंजी. आगा युनुस के नेतृत्व मे और महिलाओ का नेतृत्व कर रही महिला कांग्रेस
जिलाध्यक्ष जरीना जी समेत सैकडो लोगो ने नगर निगम का घेराव कर हल्लाबोल प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन मे अलीगढ महानगर की जनसमस्याओ को भी जमकर उठाया गया। आगा युनुस व महिला जिलाध्यक्ष जरीना जी ने कांग्रेसियो संग सैकडो आमजन व महिलाओ ने नगर निगम के गेट से लेकर नगर निगम के अंदर मुख्य द्वार तक खूब जमकर नगर निगम व सरकार के खिलाफ नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया गया। इसके बाद तीन सूत्रीय ज्ञापन नगर आयुक्त महोदय की गैर मौजूदगी मे सहायक नगर आयुक्त को आगा युनुस व महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने सौपा। जिसमे नगर विकास मंत्री के नाम गृहकर व संपत्तिकर के भारी वृद्धि के आदेश के निरस्तीकरण के आदेश को निरस्त कर पुराने नियमानुसार ही वसूली का ज्ञापन सौपा। इसके अलावा धौर्रा वार्ड नंबर 65 मे क्वारसी बाईपास से लेकर धौर्रा पहली पुलिया से आफताब सीमेंट एजेंसी तक के मुख्य मार्ग का चौड़ीकरण कर बनाने और संपर्क गलिया चौधरी चौक से लेकर पुराने सनी पीसीओ की ओर से लेकर नाले मार्ग समेत सभी गलियो की सडक बनाने और नाली बनाने व सफाई व्यवस्था लागू करने के लिए ज्ञापन नगर आयुक्त के नाम सौपा। तीसरा ज्ञापन महफूज नगर मे पीने के पानी का कोई भी व्यवस्था न होने को लेकर था। मांग की गई कि हर घर पाइप लाईन बिछाकर पानी पहुंचाने का काम तत्काल किया जाए और खराब पडे हैंडपंपो को रिबोर कराया जाए। गृहकर व संपत्तिकर मे भारी वृद्धि पर आगा युनुस ने कहा कि नगर निगम द्वारा आततायी सर्वे सरकार के निर्देशन मे करा जनता के साथ आर्थिक दमन किया जा रहा है। पहले तो सत्ता पक्ष और नगर निगम के मुखिया की जुगलबंदी के बाद ऐसा जनता आर्थिक उत्पीड़न वाला आदेश 2022 मे पारित कर जनता के साथ आर्थिक अत्याचार का आदेश कर दिया गया। लेकिन लगे हाथ नगर निगम से इस 2022 के आदेश पर 2017 से बकाया ( एरियर) बता इस आदेश को लागू कर दिया गया। लेकिन नगर निगम शायद भूल गया कि 2017 से 2022 के आदेश पर वसूली कैसे हो सकती थी देश मे कानून भी है। बीते दिनो मे नगर निगम अधिवेशन ने जो प्रस्ताव पास किए गए उसमे भारी वृद्धि के आदेश को पूरी तरह निरस्त करने के बजाए सिर्फ एक हिस्सा जो 2017 से 2022 तक की एरियर बता अवैध वसूली की रोक पर प्रस्ताव पास किए वो भी सरकार निरस्त करे न करे उस पर निर्भर। लेकिन जो 2022 मे भारी वृद्धि कई गुना गृहकर व संपत्ति कर मे की गई वो निरस्त नही किया गया और जनता पर आर्थिक दमन के रूप मे लागू है। ये अलीगढ महानगर की जनता के बहुत बडा साथ धोखा है। जनता चुने हुए जनप्रतिनिधियो का हिसाब करने का मन बना बैठी है आगामी नगर निगम चुनाव को देखते हुए जनता को भ्रमित कर जनता के आर्थिक दमन पर भी जश्न मना डाला गया। अलीगढ महानगर की जनता ने झूठ पकड लिया सब समझ गए कि ये सब चुनाव मैनेजमेंट प्लान है और इधर आर्थिक दमर का मीटर चालू है। नगर निगम ने अधिवेशन मे बढे हुए गृहकर व संपत्ति कर के आदेश को निरस्त क्यो नही किया । महानगर के आबादी के इलाके मूलभूल सुविधाओ से वंचित है पर महानगर के एक छोटे से हिस्से जो पहले से बेहतर और आबादी कम एक दो बाजार इलाके को स्मार्ट सिटी मे रखा गया और जनता के खून पसीने की कमाई यहा खर्च हो रही है। फिर बाकी महानगर वासियो के साथ सौतेला व्यवहार क्यो ? क्यो बाकी महानगर को स्मार्ट सिटी जिसमे केलानगर दोधपुर मेडिकल रोड सर सैय्यद नगर क्वारसी रेलवे रोड देहली गेट ऊपर कोट सासनी गेट जैसे प्रमुख इलाके सब बाहर है। इंजीनियर आगा युनुस, कांग्रेस नेता, अलीगढ
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